भगवान शिव को समर्पित – तपकेश्वर मंदिर
Tapkeshwar Mandir के उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित है। यह मंदिर हिमालय के पांचों प्रमुख गंगा घाटी मंदिरों में से एक है। तपकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
इस मंदिर का नाम ‘तपकेश्वर’ उस धारा के नाम से प्राप्त है जो मंदिर के पास से बहती है। यहां पर्वती नदी नामक धारा शिवलिंग पर टपकती है, इसलिए इसे ‘तपकेश्वर’ कहा जाता है।
महाभारत के समय का Tapkeshwar Mandir
Tapkeshwar Mandir / तपकेश्वर मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। इसका मानना है कि यह मंदिर महाभारत के काल में बना था। महाभारत काल में यहां पर महर्षि द्रोणाचार्य ने तपस्या की थी, और इसी तपोभूमि पर बाद में इस मंदिर का निर्माण किया गया।
Tapkeshwar Mandir अब reconstruct करके थोड़ा modern बना दिया गया है . पर आज से करीब 50 साल पहले ये अपनी original shape में था. दो पहाड़ों के बीच एक नदी बहती है और पहले इस मंदिर तक पहुंचने के लिए एक छोटी सी पगडण्डी थी . यानी एक तरफ खाई और एक ओर पहाड़. इस पगडण्डी पर धीरे धीरे चल कर मंदिर पहुंचे थे. अंदर एक शिवलिंग है और छोटा सा मंदिर था जहां सिर्फ एक समय मे एक ही भक्त बैठ सकता था .
अश्वत्थामा ने की थी पूजा महाप्रभु शिव की
ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध से पहले अश्वत्थामा ने शिव जी की बहुत आराधना की और प्रभु शिव को प्रसन्न किया. और अमृत्यु का वरदान पाया.
Tapkeshwar Mandir यहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि उनके पूर्वज ये बताते हैं कि 100 साल पहले तक शिवलिंग पर दुध टपकता था. फिर समय के साथ साथ धीरे-धीरे ये पतले दूध में परिवर्तित हुआ और फिर जल में अब तो जल भी निरंतर नहीं टपकता.
अब यह पगडंडी भी चौड़ी कर दो गयी है ताकि पर्यटक आराम से आ सकें .
Tapkeshwar Mandir का विस्तार और सौंदर्य दर्शनीय है। यहां के बाहरी भाग में एक विशालकाय नंदी स्थापत्य बना है, जो भगवान शिव के वाहन नंदी को प्रतिस्थापित करता है। मंदिर के अंदर शिवलिंग की मूर्ति स्थापित है, और इसे पूजा के लिए धार्मिक महत्ता दी जाती है।
12 साल के बनवास के दौरान निर्माण किया पांडवों ने
मान्यता है कि यहां पांडवों ने अपने वनवास के दौरान भगवान शिव की पूजा की थी और उन्होंने यहां भगवान शिव से अपने उत्तराधिकारी का आशीर्वाद प्राप्त किया था।
मंदिर का निर्माण स्थानीय पहाड़ी संत श्री गुरु दत्त के द्वारा किया गया था, जिन्होंने अपने तपस्या और ध्यान के द्वारा इस मंदिर को स्थापित किया। बाद में, मुघल साम्राज्य के समय में इस मंदिर का विस्तार किया गया और उसे समृद्धि के आधार पर पुनर्निर्माण किया गया।
Tapkeshwar Mandir / तपकेश्वर मंदिर का नाम तप और केश्वर शब्दों से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है “ताप से बालक”। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसके पास एक प्राचीन गुफा भी है जिसमें ऋषि वसिष्ठ ध्यान करते थे।
कई कथायें हैं जुड़ी हुई मंदिर के साथ
Tapkeshwar Mandir / तपकेश्वर मंदिर के इतिहास में कई पुरानी कथाएँ हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, इस स्थान पर ऋषि वसिष्ठ ने तपस्या की थी और उनके तप के परिणामस्वरूप भगवान शिव का ध्यान प्राप्त हुआ था। इसी कारण यहाँ बालक रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है .
Tapkeshwar Temple / तपकेश्वर मंदिर के पास ही तप्त कुंड है जो आत्मीयता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के जल में मान्यता है कि शिव जी का ध्यान करने से शरीर की दुर्बलता दूर होती है और मन को शांति प्राप्त होती है।
Shivratri
Tapkeshwar Mandir को हर साल हजारों शिव भक्तों की भीड़ आती है। महाशिवरात्रि के दिन यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है और लोग शिव जी की आराधना करते हैं।
इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में कहानियाँ और इसका महत्व हर किसी को प्रेरित करता हैं.
तपकेश्वर मंदिर, देहरादून का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। यह मंदिर भगवान शिव के प्रति समर्पित है क्योंकि यहां से गंगा जल निकलता है और इसे ‘तप’ का संयोजन करके ‘तपकेश्वर’ कहा जाता है।
इस Tapkeshwar Mandir का निर्माण कई साल पहले किया गया था। इसके स्थापत्यकला और संरचना में विशेषता है, जो परंपरागत भारतीय वास्तुकला को दर्शाती है। मंदिर की ऊंचाई और भवन का विस्तार इसे एक प्राचीन कला की अद्वितीय उपलब्धि बनाता है।
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Tapkeshwar Mandir का इतिहास स्वर्णिम है। प्राचीन समय से ही यहां शिवलिंग की पूजा की जाती आ रही है। मान्यता है कि महाभारत काल में भी यहां पूजा की गई थी। इस मंदिर का असली निर्माण उत्तराखंड के महान राजा जसवंत सिंह ने कराया था। उन्होंने इसे बहुत ही प्रतिष्ठित और श्रेष्ठ ढंग से बनवाया था।
Tapkeshwar Mandir के पास एक छोटा सा जलाशय है, जिसे भगवान गंगा के नाम से जाना जाता है। यहां लोग आते हैं और गंगा जल से अपने पापों को धोने के लिए स्नान करते हैं।
मंदिर के प्रांगण में विभिन्न शिवलिंग हैं, जिनकी पूजा विशेष धार्मिक महत्व रखती है। यहां कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, जो इस स्थान को और भी पवित्र बनाती हैं।
Tapkeshwar Mandir : Now a tourist spot too !
Tapkeshwar Mandir के अलावा, देहरादून के इस क्षेत्र में कई और प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल बनाते हैं।
आज के दिन में, तपकेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं शिव की देवी देवताओं की अनन्य भक्ति करने। इस मंदिर का दर्शन करने के बाद, लोग अपने जीवन में खुशियों और शांति की कामना करते हैं।
Tapkeshwar Mandir का दौरा करना एक अनुभव है जो व्यक्ति को अपने अंतर्मन को शुद्ध करता है और उसे एक ऊँचाई की ओर ले जाता है।
Timings : 6:00 AM – 7:00 PM
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