Lepakshi Temple 0r वीरभद्र मंदिर, जो lepakshi, Distt. Anantpur Andhra Pradesh मे स्थित है, शिव के रौद्र रूप को दर्शाता है.
16 वीं सदी में बना ये मंदिर, अपनी शिल्पकला, paintings और architectural designs के लिए विख्यात है.
परन्तु यह मंदिर न केवल अपने architect के लिए विख्यात है पर इसके बहुत ही रहस्यमय कारणों से भी अद्भुत है. सबसे खास बात यह है कि इसका एक स्तंभ धरती से एक इंच ऊपर है, धरती पर टिका नहीं है और एक तरह से झूल रहा है.
और दूसरी विस्मय भरी बात ये है कि जो paintings है वो fresco technique से बनाई गयी हैं. Fresco technique means गीली दीवार पर painting कर देना और जब वो सूख जाएं तो उनका रंग पक्का हो जाए.
HISTORY OF TEMPLE
इस भव्य और विचित्र मंदिर के बारे मे जानने से पहले मंदिर का इतिहास जानना आवश्क है .
रामायण के अनुसार जब रावन माता सीता का अपहरण कर लंका ले जा रहा था, जटायु ने रावन से युद्ध किया. जैसे हम सब जानते हैं, जटायु घायल हो गए . प्रभु राम जब वहां पहुंचे तो उन्होंने जटायु को घायल अवस्था मे देखा और बोले – ले पक्षी अर्थात उठो पक्षी. इस तरह इस स्थान और मंदिर का नाम ले पक्षी पड़ा क्योंकि यहीं पर जटायु घायल हो कर गिरा था.
यह बहुत ही अद्भुत और विचित्र स्थान की महत्ता यह भी है कि यहां एक ही पत्थर से नंदी का statue बना है जो मंदिर से 200 metre दूर है और विश्व मे ऐसा एक ही शिल्पकला है. यहां नंदी का statue है जो 20 फीट ऊंचा और 30 फीट लंबा है और एक ऊँची चट्टान पर बना है .
Lepakshi Temple का निर्माण 2 भाइयों – वीरूपन्ना और वीरन्ना ने 1530 AD में अपने राजा अच्युत देवा राया के निर्देश पर किया.
PM Modi performs prayers at Veerabhadra Temple in Lepakshi, Andhra Pradesh
PAINTINGS AND SCULPTURE
मंदिर के मुख्य द्वार पर माँ गंगा और माँ यमुना की paintings हैँ और पास ही हर दीवार और ceilings पर paintings हैं. बड़े विचित्र ढंग से बनाई गई paintings में भगवान शंकर के 14 अवतारों की paintings हैं.
झूलता स्तंभ
मुख्य मंदिर के ठीक सामने नाट्य मंडप स्थित है जहां कुल 70 खंबे हैं. इसके उत्तर पूर्वी कोने में है रहस्यमयी स्तम्भ है जो ज़मीन पर नहीं टिक रहा यह जमीन से आधा इंच ऊपर है. आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस pillar का जमीन पर न टिके होने के बावजूद छत इस पर टिकी हुई है.
इस मंदिर की विशेषताएं और आश्चर्यजनक architecture की गुत्थी सुलझाने के लिए british establishment ने 1902 में एक engineer, जिसका नाम Hamilton को यहां भेजा. Hamilton ने एक iron rod ले कर एक स्तंभ के नीचे घुसाने की कोशिश की . जैसे ही rod डाली तो बाकी सभी pillars हिलने लगे और यह pillar ऊपर हवा में लटक गया . Hamilton घबरा गया और छान बीन छोड़ भाग गया.
कल्याण मंडप
ले पक्षी मंदिर के प्रांगण में कल्याण मंदिर है और यह अधूरा मंदिर रह गए. इसके पीछे एक दुःखद कहानी है . निर्माण के समय कुछ मन्त्रियों ने राजा से यह शिकायत कर दी कि वीरूपन्ना अवैध रूप से राजकोष से पैसा लेकर मंदिर के निर्माण पर लगा रहा है. राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने आदेश दिया कि वीरूपन्ना की दोनों आंखें निकाल ली जाएं. वीरू पन्ना को ये जान कर अत्यंत दुख हुआ और खुद ही अपनी दोनों आंखें निकाल , दीवार पर फेंक दी . आज भी उस दीवार पर खून के दो निशान हैं जो इस दुःखद हादसे की गवाही है.
सीता माता के footprints
ऐसा माना जाता है जब जटायु घातक हुआ तो रावन अपने विमान से नीचे आय और सीता माता भी आयीं . यहां उनके दाएं पांव का एक पत्थर पर चिन्ह है. और यह हमेशा गीला रहता है. यहां जल का कोई स्रोत नहीं है, और पत्थरों के बीच ये निशान है. चारों ओर पत्थर और चट्टान सूखे है केवल यह निशान गीला है.
क्या वीरभद्र मंदिर को Lepakshi temple भी कहा जाता है
हा, वीरभद्र मंदिर को Lepakshi temple भी कहा जाता है
Lepakshi temple का निर्माण कब और किसने कराया था
Lepakshi Temple का निर्माण 2 भाइयों – वीरूपन्ना और वीरन्ना ने 1530 AD में अपने राजा अच्युत देवा राया के निर्देश पर किया.
Lepakshi temple मे कितने खम्बे (Pillars) है
Lepakshi temple मे 70 खम्बे (Pillars) है
[…] Mystery of Temples– यह सामान्य बुद्धि की समझ से परे है कि कैसे यह मंदिर एक ही रेखा ( longitude ) पर निर्मित किए गए जो एक दूसरे से पांच पांच सौ किलोमिटर दूर है और तकरीबन 1000 साल पूर्व बनाई गई. […]
[…] Mehandipur Balaji Mandir की विशेषता मेहंदी के रंग की उपस्थिति है, जो भक्तों को अत्यंत आकर्षित करती है। इसी कारण इसे ‘मेहंदीपुर’ के नाम से जाना जाता है। मंदिर के प्रांगण में स्थित यह स्वयं पर्वत की तरह उच्च खड़ा है और यहां से श्री बालाजी की प्रतिमा की सुंदर दृश्य देखने का अवसर मिलता है। यह मंदिर एक असाधारण तीर्थ स्थल है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में चमत्कारी शक्तियाँ हैं जो बुरी आत्माओं से ग्रस्त व्यक्ति को ठीक कर सकती हैं। […]