HomeMysterious Templesमंदिरों का रहस्य (Mystery of Temples) : एक ही linearity में स्थित

मंदिरों का रहस्य (Mystery of Temples) : एक ही linearity में स्थित

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Mystery of Temples-दक्षिण भारत मे स्थित यह 3 मंदिरNataraja Temple in Chidambaram, Ekambareshwar temple in Kanchipuram & Sri Kalahasthi temple in Tirupati district Andra Pardesh एक ही रेखा linearity (longitude) मे स्थित हैं.
जी, यह तीनों मंदिर exactly 79 deg. 42 degree East मे निर्मित हैं. सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात इन तीनों मंदिरों के निर्माण की engineering, architecture, design हैं और इनके बनाने के पीछे Science.

इनके अलावा 2 मंदिर और हैं – Virudhagireeshwar Temple, Vriddhachalam situated 70.20° east और Ramanathaswamy Temple, Rameshwaram, यह भी एक ही longitude मे स्थित हैं.

यह दो मंदिर ‘पुण्य स्थालम’ नाम से भी विख्यात हैं. पुण्य स्थालम अर्थात वो स्थल जहां नहा कर पुण्य कमाया जाता है .

The same Linearity of both these ancient temples – Chidambaram Nataraja Temple, Kanchipuram Ekambareshwar temple & Sri Kalahasthi temple is amazing and a lesson in civil engineering to new age and AI supported techies.

इन सब मंदिरों में क्या खसियत हैं ?
ये पांच मंदिरों को इकठ्ठा club करके इन्हें पंच बुत स्थलम कहा जाता है (Pancha boota Stalam – Denoting 5 forms of Shiva – Fire, Water, Earth, Air & Space )

  • Sri Kalahastheeswara – Vayu Lingam – Air
  • Ekambareshwarar – Prithivi Lingam – Earth
  • Thillai Nataraja – Aagaya Lingam – Space
Mystery of Temples

Mystery of Temples– यह सामान्य बुद्धि की समझ से परे है कि कैसे यह मंदिर एक ही रेखा ( longitude ) पर निर्मित किए गए जो एक दूसरे से पांच पांच सौ किलोमिटर दूर है और तकरीबन 1000 साल पूर्व बनाई गई.

How did the architects of those times’ visualised and designed the linearity of these Mystery of Temples that are more than 1000 years old and 500–600 Kms away ?

What technology did they have to mark the longitudes ?

क्या mapping system इस्तेमाल मे लाया गया होगा, यह सब हैरतअंगेज है. आज हमारी समझ, विद्या, ज्ञान सब पश्चिमी मापदण्ड के अधीन हैं और जहाँ हम भारतीयों, हम हिंदुओं को गर्व करना चाहिए, वो हमें मालूम ही नहीं है.

Mystery of Temples-यह मंदिर न तो अपनी longitudinally alignment से इधर उधर हुए, न कोई बाढ़, भूकंप या त्सुनामी से प्रभावित हुए .

अब प्रशन् यह है कि क्या यह एक incidental occurrence है.

  • Sri Kalahastheeswara Temple – 13°44′58″N 79°41′54″E
  • Ekambareshwarar Temple – 12°50′51″N 79°42′00″E
  • Thillai Nataraja Temple – 11°23′58″N 79°41′36″E

अब बात करेंगे इन मंदिरों की विशेषताओं की . पहले उनकी स्थापना लिंगम (शिवलिंग ) के रूप में हुई . ये करीब 600 AD की बात है. फिर चोला राज्य मे इन्हें मंदिर (देवालय) मे परिवर्तित कर दिया गया.
इनकी इमारतें बनायीं गयी और यह कार्य Chola kings (Kulothunga Chola I, II ) ने 11th & 12th century में किया. यह सभी शिवालय हैं.

और सब से आश्चर्यजनक बात तो यह है कि ये केवल दक्षिणी भारत मे ही नहीं है परंतु केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड जो कि शिव मंदिर है वो भी same longitude मे स्थापित है.

  • Kedarnath Temple – 30.7352° N, 79.0669° E
    क्या ये मन में ख्याल नहीं आता कि जब मुस्लिम हमलावरों ने हमारे भारत के कई मंदिरों तो ध्वस्त किया होगा तो ऐसे ही न जाने कितने आश्चर्यजनक शिव मंदिर, जो इसी longitude पर निर्मित होंगे.

और जो बात आपको Mystery of Temples के बारे में हैरान कर देगी वो यह कि 79.20 longitude undivided India – अखण्ड भारत का centre point था .

इन सब मंदिरों में क्या खसियत हैं ?

ये पांच मंदिरों को इकठ्ठा club करके इन्हें पंच बुत स्थलम कहा जाता है (Pancha boota Stalam – Denoting 5 forms of Shiva – Fire, Water, Earth, Air & Space )

What technology did they have to mark the longitudes ?

क्या mapping system इस्तेमाल मे लाया गया होगा, यह सब हैरतअंगेज है. आज हमारी समझ, विद्या, ज्ञान सब पश्चिमी मापदण्ड के अधीन हैं और जहाँ हम भारतीयों, हम हिंदुओं को गर्व करना चाहिए, वो हमें मालूम ही नहीं है.

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